Drishyam 2 एक 2022 में रिलीज़ हुई हिंदी भाषा की क्राइम थ्रिलर मूवी है जो की रीमेक है सेम नाम वाली मलयालम फिल्म की जो रिलीज़ हुई थी 2021 में। ये फिल्म 2015 में रिलीज़ हुई बॉलीवुड फिल्म Drishyam का sequel है और उसी की कहानी इसमें आगे बढ़ती दिखाई दे रही है। आज के हमारे इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे की क्या आपको Drishyam 2 देखनी चाहिए, Drishyam 2 review और उसकी कहानी की विवरण। उसके बाद आप ही तय करे की आप ये फिल्म देखने वाले है की नहीं।
Drishyam 2 release date थी 18 नवंबर 2022 और Ajay Devgan एक बार फिर बड़े परदे पर Vijay Salgaonkar बन कर लौटे। अगर आपने इसका पहला पार्ट Drishyam देखा है तो आप Vijay Salgaonkar की बुद्धिमता के तो पहले ही फैन बन चुके होंगे और इस मूवी को देखकर आप उनसे और भी ज्यादा प्रेरित होने वाले है। Drishyam 2 Full Movie केवल उन्हीं लोगों को देखनी चाहिए जिन्होंने इसका पहला पार्ट देखा है क्योंकि दूसरा भाग पुरे मायने में उसका आगे का विवरण है।
Drishyam की रिलीज़ के बाद से ही इसके दूसरे भाग का दर्शको को बेसब्री से इंतज़ार था और यही वजह है की फिल्म का पहले 4 दिन का ही वर्ल्डवाइड कलेक्शन 100 crore पार चला गया। चलिए अब जानते है की Drishyam 2 movie में कौन कौन आपको देखने को मिलने वाला है क्योंकि इस बार पुराने कलाकारों के अलावा कुछ नए और बहतरीन लोग भी फिल्म फ्रैंचाइज़ी के साथ जुड़े है।
Drishyam 2 Cast & Crew
ब्लॉग के इस भाग में हम आपको हर उस सदस्य का नाम और उनका Drishyam 2 के प्रति योगदान बताने वाले है जो की इस फिल्म से जुड़े है। निर्देशक, प्रोडूसर, कास्ट, म्यूजिक से लेकर एडिटर, राइटर, मेकअप तक।
निर्देशक
- अभिषेक पाठक
लेखन क्रेडिट
- जीतू जोसेफ – (मूल कहानी)
- आमिल कीयान खान – (रूपांतरित पटकथा)
- आमिल कीयान खान – (संवाद)
- अभिषेक पाठक – (रूपांतरित पटकथा)
कास्ट
अभिनेता / अभिनत्री | Drishyam 2 movie में रोल |
अजय देवगन | विजय सलगांवकर |
तब्बू | मीरा देशमुख |
अक्षय खन्ना | आईजी तरुण अहलावत |
सौरभ शुक्ला | मुराद अली |
श्रिया सरन | नंदिनी सलगांवकर |
इशिता दत्ता | अंजू सलगांवकर |
मृणाल जाधव | अनु सलगांवकर |
रजत कपूर | महेश देशमुख |
कमलेश सावंत | इंस्पेक्टर गायतोंडे |
संवेदना सुवालका | विजय की वकील |
योगेश सोमन | इंस्पेक्टर विनायक सावंत |
आलोक वर्मा | राम |
राहुल बजाज | यतिन |
शरद भूतड़िया | मार्टिन |
समीर देशपांडे | सिराज अहमद |
सिद्धार्थ बोडके | डेविड ब्रगेंज़ा |
आशीष इंगले | रॉकी |
अश्मिता जग्गी | मेरी ब्रगेंज़ा |
पक्षल जैन | एग्नेलो ब्रगेंज़ा |
नेहा जोशी | जेनी थॉमस |
आमिल कियान खान | दिलनवाज (गपशप करने वाला) |
हरेश खत्री | जज |
कृष्णा कोटियन | स्वामीजी |
अभिषेक कुलकर्णी | थिएटर मैनेजर |
हेमानी पंजाबी | पवन |
प्रथमेश परब | जोस |
अनिल रसाल | पीटर |
रोज सरदाना | यतिन की गर्लफ्रेंड |
प्रसन्ना केतकर | इंस्पेक्टर (आर्काइव फुटेज) |
रामचंद्रन सिंह | सावियो |
निशांत सिंह | शिव |
विनीत एमवी | टोनी |
निर्माता
- संजय पारसवानी – एलपी: मुंबई शेड्यूल
- अभिषेक पाठक – निर्माता
- कुमार मंगत पाठक – निर्माता
- विग्नेश शेट्टी – रचनात्मक निर्माता
- श्रेया देव वर्मा – सामग्री विकास के प्रमुख
संगीत
- देवी श्री प्रसाद – संगीतकार
छायांकन
- सुधीर के. चौधरी – फोटोग्राफी के निदेशक
संपादन
- संदीप फ्रांसिस
प्रोडक्शन डिजाइन
- श्रीराम अयंगर
- सुजीत सावंत
- तर्पण श्रीवास्तव
कला निर्देशन
- प्रशांत टी – कला निर्देशक
- अजरुद्दीन खान – सहायक कला निर्देशक
श्रृंगार विभाग
- अजीत बच्चा – हेयर स्टाइलिस्ट
- अक्षता बागड़े – सहायक मेकअप कलाकार
- मानसी के. सांगवान – मेकअप डिज़ाइनर
- महेश सोनी – केश सहायक
प्रोडक्शन मैनेजमेंट
- विवेक पडालिया – यूनिट प्रोडक्शन मैनेजर
- विपिन कुमार सिंह – यूनिट प्रोडक्शन मैनेजर
सेकंड यूनिट निर्देशक या सहायक निर्देशक
- धर्मेंद्र सिंह गुर्जर – ट्रेनी सहायक निदेशक
- रमन कुमार – पहले सहायक निर्देशक
- अफ़ीफ़ा नासिर – पोशाक सहायक निर्देशक
- मालविका पिल्लई – दूसरी सहायक निदेशक
- दीपक राय – ट्रेनी सहायक निदेशक
- रेजिश रमेशन – दूसरे सहायक निदेशक
- दिब्येंदु देव शर्मा — तीसरे सहायक निर्देशक
- अनुष्का शेट्टी – ट्रेनी सहायक निदेशक
- नविंदर पाल सिंह – रचनात्मक निर्देशक (नविंदर कृपाल के रूप में)
कला विभाग
- आफताब इदरीसी – कला निर्देशक सहायक
- संकेत पवार – सहायक प्रोडक्शन डिजाइनर / सहायक प्रोडक्शन डिजाइनर – कला विभाग
- हिना राणावत – सेट ड्रेसर
- कीर्ति थोरबोले – सहायक कला निर्देशक (केवल क्रेडिट)
ध्वनि विभाग
- बैलोन फोंसेका – साउंड डिज़ाइनर / सुपरवाइजिंग साउंड एडिटर
- आदित्य करंदीकर – सहायक। फिर से रिकॉर्डिंग मिक्सर
- इवान लेमोस – फोले कलाकार
- अशोक मौर्य – बूम संचालक
- ऋत्विक राज पाठक – री-रिकॉर्डिंग मिक्सर
- निरंजन रासने – एडीआर रिकॉर्डिस्ट
- जी श्रीसन – फोले सुपरवाइजर
विजुअल इफेक्ट्स
- अभिषेक श्रीवास्तव – वीएफएक्स निदेशक
- गिरी आशीष टोप्पो – लेआउट
- पंकज वशिष्ठ – दृश्य प्रभाव संपादक
कैमरा और विद्युत विभाग
- राजू अंसारी – स्टिल फोटोग्राफर
- रवीश जायसवाल – स्थिर कैमरा संचालक
- विकास जोशी – सेकेंड यूनिट सिनेमैटोग्राफर
- अभिषेक मृत्युंजय पांडे – फोकस खींचने वाला
- अल्पेश पटेल – डिजिटल इमेजिंग तकनीशियन: डीआईटी
- अमित राज – ड्रोन संचालक
- सुमित राज – ड्रोन कैमरा ऑपरेटर
- लखन राठौड़ – Steadicam सहायक
- महेंद्र सामंत – गफ्फार
- भाग्येश शर्मा – ड्रोन पायलट
- पंकज शर्मा – हवाई छायाकार
- निखिल सोनवणे – हवाई छायाकार
कास्टिंग विभाग
- राजकुमार गोधनिया – कास्टिंग सहयोगी
- अजय जाधव – कास्टिंग सहयोगी
पोशाक और वार्डरॉब विभाग
- ख्याति बडेरिया – सहायक पोशाक डिजाइनर
- बृजल बालकृष्णन – सहायक पोशाक डिजाइनर
- नेहल जैन – सहायक पोशाक डिजाइनर
- रक्षिता शर्मा – सहायक पोशाक डिजाइनर
संपादकीय विभाग
- बंधन दुर्गा – ऑनलाइन संपादक
- संकल्प सहगल – सहायक संपादक/ऑन लाइन संपादक
अतिरिक्त क्रू
- दीपांजन दासगुप्ता – स्टिल फोटोग्राफर
- मनोज डेंबला – अकॉउंटस टीम
- संदीप फ्रांसिस – दृश्य प्रचार
- प्रणय गुप्ता – पर्दे के पीछे
- वरुण गुप्ता – मार्केटिंग निदेशक
- घनश्याम रामचंद्र – पर्दे के पीछे
- संकल्प सहगल – दृश्य प्रचार
Drishyam 2 Movie Trailer
Drishyam 2 movie की कहानी
Drishyam 2 की कहानी शुरू होती है 4 October 2014 से जब Dawid Braganza नाम का एक अपराधी गलती से अपने ही एक साथी को मार देता है और पुलिस से बचने के लिए Goa के जंगलों में से भागता हुआ वो पहुँचता है छिपने के लिए एक निर्माणाधीन Police Station के बाहर।
वहाँ वो एक आदमी को हाथ में फावड़ा लिए वहाँ से निकलते देखता है और वो आदमी और कोई नहीं Vijay Salgaonkar था। इसके बाद वो अपनी बीवी Mary के पास जाता है और उससे माफ़ी मांगता हुआ वहाँ से भागने को कहता है पर पुलिस के वहाँ पहुंच जाने से उसे खुदको सरेंडर करना पड़ता है।
आगे की कहानी हमें ले जाती है 7 साल बाद की दुनिया में। विजय और उसका परिवार पोंडोलेम, गोवा में रहते है। विजय अब भी एक केबल कंपनी चलाता है और उसका मूवी थिएटर खोलने का सपना उसने पूरा कर लिया है। उसकी बड़ी बेटी अंजू अब भी सैम की मौत वाले हादसे से उभर नहीं पायी है और PTSD के साथ साथ मिर्गी के दौरे भी उसे आते है।
पुरे गोवा में विजय और उसके परिवार को अपराधी के रूप में देखा जाता है और अफवाहे उड़ी हुयी है की अंजू का सैम के साथ रिश्ता था। विजय ने अपनी ज़मीन का एक हिस्सा बेच दिया था शिव और जेनी नाम के एक विवाहित जोड़े को पर शिव दारु पीकर जेनी से मारपीट करता है। पुरे शहर में जेनी के अलावा नंदिनी (विजय की पत्नी) से बात करने और उससे समझने वाला कोई नहीं है।
विजय अब अपनी खुदकी एक फिल्म बनाना चाहता है और उसकी पटकथा को पूरी तरह से तैयार करने के लिए वो पटकथा लेखक Murad Ali से लगातार संपर्क में है बस कहानी के अंत को लेकर बात नहीं बन पा रही है। विजय नहीं चाहता की उसकी कहानी चोरी हो इसलिए उसने पहले ही इस कहानी की किताब बनवाकर कॉपीराइट करा लिया है पर उसकी ज्यादा copies मार्केट में उपलब्ध नहीं है।
दूसरी और अपने बेटे सैम की पुण्यतिथि पर मीरा और महेश गोवा आते है और महेश विजय से मिलने आता है और कहता है की उसे बस अपने बेटे के अवशेष चाहिए जिससे वो उन्हें विसर्जित कर उसकी आत्मा को मोक्ष प्रदान करा सके। विजय उससे कहता है की मुझे माफ़ करे मैं आपको नहीं बता सकता और आप बार बार यहाँ कर मुझे शर्मिंदा न करे।
इसी बीच नंदिनी की दोस्ती जेनी के साथ और गहरी होती जाती है और वो एक दिन गलती से उससे बता देती है की सैम की मौत में उनका परिवार ही जुड़ा है पर उसके पति ने उन्हें इस बारे में बात करने से मना किया है। बॉडी कहा है ये उन्हें भी नहीं पता ये बात सिर्फ विजय को ही पता है क्योंकि वो नहीं चाहता की उसका परिवार किसी दुविधा में फसें इसलिए उसने अगले ही दिन बॉडी को उन सबके सोने के बाद दूसरी किसी जगह पर ट्रांसफर कर दिया था।
असल में नंदिनी नहीं जानती की उसने ये बात एक अंडरकवर पुलिस अफसर को बताई है जो की उनके पीछे लगाए गए थे गोवा के IG और मीरा के अच्छे दोस्त Tarun Ahlawat के द्वारा। असल में शिव और जेनी दोनों ही अंडरकवर पुलिस ऑफिसर्स है जिन्हे विजय और उसके परिवार पर नज़र रखने के लिए उनका पडोसी बनाया गया था।
लगभग इसी समय डेविड जेल से बाहर आ जाता है और जब वो अपनी बीवी मैरी और बच्चे Agnelo से मिलने जाता है तो उससे पता लगता है की वो बहुत बुरी आर्थिक तंगी से गुज़र रहे है। अब डेविड रोज़गार पाने के लिए घर से निकलता है और रोज़गार पाने की कोशिश में लग जाता है। जब वो रोज़गार ढूंढ रहा होता है तो उसकी मुलाकात विजय से होती है और उसे वहाँ के लोगो से पता लग चुका होता है की विजय ने 7 साल पहले कोई मर्डर किया था और तभी से पुलिस उसके पीछे है।
उससे कही रोज़गार मिल जाता है पर जिस दिन उससे वहाँ जाने के लिए बस पकड़नी होती है तो उससे पता लगता है की पुलिस ने बॉडी ढुँढ़वाने वाले शख्स को 5 lakh रुपये का इनाम देने का वादा किया है जो की 7 साल पहले 3-4 अक्टूबर के दिन कही दफनाई गयी थी। तब उससे याद आता है की उसने Vijay को उस रात उस निर्माणाधीन पुलिस स्टेशन से फावड़ा पकड़ते निकलते देखा था। पैसो की ज़रूरत का मारा डेविड तरुण को बता देता है की उससे पता है बॉडी कहा है पर वो तभी बताएगा जब उससे 25 लाख रूपये दिए जाएंगे।
Tarun मीरा और महेश को बुलाता है और वो लोग उसे 25 लाख रूपये दे देते है तब वो उन्हें बताता है की बॉडी पुलिस स्टेशन में ही है और फिर पुलिस की टीम स्टेशन की खुदाई शुरू करती है पर विजय पहले ही CCTV कमरे में सब देख लेता है और उसे शक हो जाता है की पुलिस की टीम को बॉडी मिल जाएगी। पुलिस को स्टेशन की खुदाई में एक कंकाल मिलता है जिसकी फॉरेंसिक जांच और DNA टेस्ट के लिये पुलिस उससे स्टेशन से भेज देती है पर ये भी विजय CCTV में देख लेता है।
जब फॉरेंसिक रिपोर्ट से पता लगता है की ये कोई बच्चा है 15-16 साल का और सर पर चोट लगने से उसकी मौत हुई है तो Tarun बिना DNA रिपोर्ट के विजय और उसके परिवार को पूछताछ के लिए बुला लेता है। पूछताछ के दौरान उसका पूरा परिवार अपने पुराने बयान पर ही कायम रहता है पर जब मीरा नंदिनी और जेनी के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग उन सबके सामने चलाती है तो तरुण गाईतोंडे को विजय के परिवार के साथ मारपीट कर सच उगलवाने को कहता है।
मारपीट के दौरान Anju को फिरसे मिर्गी का दौरा आ जाता है और मजबूरी में विजय अपने परिवार को जाने देने की बात कहकर, एक झूठी कहानी बनाकर सारा इलज़ाम खुद पर ले लेता है और अरेस्ट हो जाता है। मीरा अब भी खुश नहीं थी क्योंकि वो विजय के पुरे परिवार को सजा दिलाना चाहती थी।
विजय के कबूलनामे के बाद सैम की हत्या के लिए विजय पर मुकदमा चलाया जाता है। ये न्यूज़ जब Murad Ali देखते है तो वो तुरंत तरुण, मीरा और महेश से मिलने जाते है और उन्हें बताते है की विजय और वो एक फिल्म की कहानी पर काफी सालो से काम कर रहे है और उसकी कहानी भी कुछ इसी प्रकार से है जिस तरीके से ये साड़ी घटना घटी है। मुराद उन्हें बताते है की सुरक्षा के लिए विजय ने इस कहानी की एक “Drishyam” नामक किताब भी छपवायी है और उसका कॉपीराइट मुराद के नाम पर है।
दूसरी और कोर्ट में विजय को पेश किया जाता है और विजय की वकील जज को बताती है की विजय को पुलिस ने जोर जबरदस्ती कर सब उगलवाया है और पुलिस ने ये पूरी मनघड़त कहानी रची है “दृश्यम” नाम के एक नावेल से जो की हूबहू विजय के केस से मिलती है। जज कुछ समझे उससे पहले ही उनके सामने DNA रिपोर्ट आ जाती है जिसमे पता लगता है की वो कंकाल सैम का था ही नहीं और पुलिस ने जबरन विजय को गिरफ्तार किया है।
मुराद पुलिस स्टेशन में आगे उन्हें बताता है की विजय की कहानी के अनुसार हीरो का पता था की उसका असली प्लान फेल हो सकता है इसलिए हीरो ने एक ऐसी बॉडी की तलाश शुरू की जो की एकदम वैसी ही कदकाठी, उम्र की हो और उसी तरह सर पे चोट लगने से उसकी मौत भी हुई हो। जब हीरो को वो बॉडी मिल जाती है तो वो एक कब्रिस्तान में कब्रों को दफ़नाने वाले से दोस्ती कर उसकी आर्थिक मदद कर उससे वो अवशेष ले लेता है।
उसके बाद वो दोस्ती बढ़ाता है जिला मेडिकल कॉलेज के मुर्दाघर के सिक्योरिटी गार्ड से क्योंकि DNA जांच के लिए आयी कोई भी बॉडी वही रखी जाती है। हीरो उसे अपनी फिल्म में मौका देने का लालच देता है और उसे दोस्त बना लेता है और आये दिन उसके साथ पीता है।
उससे दोस्ती करने से पहले हीरो वो बॉडी अपने ऑफिस में छुपा कर रखता है और उस दिन के इंतज़ार में होता है जब उसका असली प्लान विफल हो। जैसे ही उसका प्लान विफल हुआ और DNA जांच के लिए अवशेष मुर्दाघर पहुंचे हीरो उस सेक्युरिटी गार्ड को टल्ली करके बॉडी की अदला बदली कर देता है।
कहानी में आगे विजय को बरी कर दिया जाता है और कोर्ट पुलिस को विजय और उसके परिवार को किसी भी तरीके से पूछताछ करने के लिए मना कर देता है। न्यायाधीश तरुण को अपने कमरे में बुलाके कहते है की मुझे बता है दोनों परिवारों को न्याय मिलना चाहिए पर पुलिस वो मुकम्मल करने में असमर्थ है और ऐसे केस सिस्टम के लिए कोई नहीं बात नहीं है तो विजय और उसके परिवार को अब कोई भी तंग नहीं करेगा।
दूसरी और मुराद महेश और मीरा को बताता है की विजय की कहानी के हिसाब से हीरो बरी तो हो जाएगा पर वो मृतक के माँ-बाप से कभी आँखे नहीं मिला पाएगा और मृतक के अवशेष उसकी मोक्ष प्राप्ति के लिए उसके माँ बाप तक पंहुचा देगा। इसके तुरंत बाद ही महेश को अपने घर के बाहर एक अस्थियों का कलश दिखता है जिसमें उसके बेटे सैम के अवशेष थे और वो गुमनाम रूप से विजय ने ही उसके परिवार तक पहुँचाये थे।
इसके बाद महेश सैम की अस्थियाँ नदी में विसर्जित करता है और मीरा को समझाता है की उनके बेटे की मोक्ष प्राप्ति के लिए उन्हें जो चाहिए था वो उन्हें मिल गया है और उसे भी अब विजय के परिवार को माफ़ कर देना चाहिए। वो मीरा से कहता है की हमे लगता था की हम विजय पर नज़र जमाये हुए है जबकि विजय हमारी हर चाल से वाकिफ था और विजय असल में हमे हर क्षण देख रहा था।
ये बात सुनकर विजय जो अब भी उन्हें थोड़ी दूरी से देख रहा था, चुपचाप वह से चला जाता है और अपने परिवार के पास जाकर उनकी खुशियों में शामिल हो जाता है। यही हो जाता है Drishyam 2 hindi मूवी का अंत और एक बार फिर Vijay का दिमाग अपना कमाल दिखा कर पुलिस वालो को चकमा देने में कामयाब हो जाता है।
Drishyam 2 Box Office Collection
Drishyam 2 Box Office Collection की बात की जाए तो फिल्म ने भारतीय बॉक्स ऑफिस पर पहले ही 167.93 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के अनुसार, फिल्म ने अपने तीसरे शनिवार यानी 3 December को अप्रत्याशित रूप से 8.45 करोड़ रुपये की कमाई की है। इससे इसकी कुल रकम 176.38 करोड़ रुपये हो जाती है।
अगर आज तक के लेटेस्ट अपडेट आपको बताये तो फिल्म ने 186.76 करोड़ की Box Office पर कमाई करली है। Drishyam 2 worldwide box office collection पहुंच चुका है 265.35 करोड़ रूपये, जिसमें ओवरसीज बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 42.15 करोड़ रूपये भी शामिल है।
Drishyam 2 Critic Review
बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से हमे ये तो पता चल गया की ऑडियंस को तो फिल्म काफी पसंद आ रही है और ऑडियंस के Drishyam 2 पर रिव्यु भी शानदार नज़र आ रहे है। Drishyam 2 को क्रिटिक्स से भी एक बहुत ही पॉजिटिव रिस्पांस मिला है। IMDB ने फिल्म को 8.4/10 की रेटिंग दी है वही Times Of India ने 3.5/5 की ओवरआल रेटिंग दी है। Bollywood Hungama ने फिल्म को “पैसावसूल एक्सपीरियंस” बताते हुए 4/5 की रेटिंग दी है और बाकी सब क्रिटिक्स ने भी फिल्म के लिए जो कहा वो अच्छा ही है।
Faq’s on Drishyam 2 Movie
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Is Drishyam 2 hit or flop?
अगर आज 5 December 2022 तक के लेटेस्ट अपडेट आपको बताये तो फिल्म ने 186.76 करोड़ की Box Office पर कमाई करली है। Drishyam 2 worldwide box office collection पहुंच चुका है 265.35 करोड़ रूपये, जिसमें ओवरसीज बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 42.15 करोड़ रूपये भी शामिल है। अब इन आंकड़ों को देखकर तो यह कहना कही गलत नहीं होगा की इतनी सारी फ्लॉप फिल्मों के बाद Ajay Devgan ने अंततः एक हिट फिल्म दे दी है।
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Is Drishyam 2 worth watching?
आंकड़ों और देखे और ऑडियंस के रिव्यु भी देखे तो फिल्म की काफी तारीफ की जा रही है। पिछली फिल्म “दृश्यम” की तरह ही “Drishyam 2” भी दर्शको को सस्पेंस में बांधे रखती है और हमारे हिसाब से अगर आप विजय सलगाओंकर फैन है तो ये मूवी आपको ज़रूर देखनी चाहिए। इस फिल्म में भी आपको काफी ट्विस्ट देखने को मिलेंगे और आप अपने परिवार के साथ मज़े से इससे देख सकते है।
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Is Drishyam 2 a blockbuster?
Drishyam 2 Ajay Devgan की इस साल की वो फिल्म है जो बॉक्स ऑफिस पर अपना कमाल दिखा रही है। ये फिल्म बिलकुल एक ब्लॉकबस्टर फिल्म है जिसका दर्शको को काफी लम्बे अरसे से इंतज़ार था और आंकड़ों के हिसाब से अब तक बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म लगभग 187 करोड़ रूपये कमा चुकी है।
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Is Drishyam 2 remake of which movie?
Drishyam 2 एक 2022 में रिलीज़ हुई हिंदी भाषा की क्राइम थ्रिलर मूवी है जो की रीमेक है सेम नाम वाली मलयालम फिल्म की जो रिलीज़ हुई थी 2021 में। ये फिल्म 2015 में रिलीज़ हुई बॉलीवुड फिल्म Drishyam का sequel है और उसी की कहानी इसमें आगे बढ़ती दिखाई दे रही है।
Conclusion
उम्मीद करते है की आपको हमारा ये Drishyam 2 Review ब्लॉग अच्छा लगा होगा और फिल्म में ऑडियंस रिव्यु और पूरी जानकारी जुटाने के बाद ही हमने Drishyam 2 movie का अपना ये आर्टिकल तैयार किया है। हमे तो मूवी काफी अच्छी लगी आप भी हमारा ये रिव्यु अगर पढ़ चुके है तो आज ही थिएटर में जाकर Drishyam 2 ज़रूर देखे और उसका लुफ्त उठाये।
अगर आपका कोई भी सवाल है तो आप नीचे कमेंट सेक्शन में हमे बता सकते है और अगर आप हमे कोई एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुडी जानकारी देना चाहते है तो हमारे Contact Us पेज के ज़रिये वो आप हम तक पंहुचा सकते है।